Bihar Police के खौफ की यह कहानी खाकी का दामन दागदार कर रही है। साइड नहीं मिलने से नाराज थानेदार ने चालक को पीटकर लहूलुहान कर दिया।
Bihar News : थानेदार ने साइड नहीं देने पर गाड़ी चालक को पीटा
बिहार के डीजीपी आलोक राज (Bihar DGP Alok Raj) पुलिसकर्मियों को पीपल्स फ्रेंडली होने की हिदायत दे रहे हैं। लेकिन वर्दी के रौब में गाड़ी चालक को पीटने के इस मामले से पुलिस की साख पर फिर सवाल उठ गया है। मामूली सी बात पर खुद थानेदार ने गाड़ी चालक को पीट दिया। इस पिटाई के दौरान गाड़ी चालक बुरी तरह से जख्मी हो गया। पिटाई इस कदर की गई कि गाड़ी में जगह-जगह खून के दाग पड़े हुए हैं। उसकी गाड़ी को भी जप्त कर लिया गया। लिहाजा रात में वह अस्पताल नहीं जा सका। शुक्रवार की सुबह घायल चालक का इलाज बखरी पीएचसी में किया गया। जरूरी जांच के लिए उसे बेगूसराय रेफर किया गया है। यह मामला बेगूसराय जिले के बखरी अनुमंडल से सामने आया है।
Begusarai News : परिहारा थानाध्यक्ष ने मुझे बुरी तरह पीटा : पीड़ित
खगड़िया जिले के गंगौर थाना अंतर्गत ओलापुर निवासी विपेंद्र साह के पुत्र सुनील कुमार ने बखरी के परिहारा थाना अध्यक्ष रिशु कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुनील कुमार का आरोप है कि गुरुवार की रात एक शादी के लिए डीजे लेकर वह अपनी पिकअप से जा रहा था। तभी परिहारा थाना इलाके में परिहारा थाना अध्यक्ष रिशु कुमार ने हॉर्न बजाकर गाड़ी से साइड देने को कहा। आगे दूसरी गाड़ी होने के कारण साइड देने में कुछ देर हुई। इससे नाराज थाना अध्यक्ष रिशु कुमार को यह नागवार गुजरा। उन्होंने गाड़ी से उतर कर चालक सुनील कुमार की पिटाई कर दी। सुनील कुमार के नाक और मुंह पर चोट आई है।
Bakhri Begusarai : गाड़ी में खून के निशान, पुलिस ने नहीं कराया इलाज
पिटाई के कारण गाड़ी में काफी खून गिरा है। गाड़ी के अंदर खून के निशान साफ नजर आ रहे हैं। पीड़ित सुनील कुमार ने बताया कि गुरुवार की रात इस घटना के बाद उसकी गाड़ी को परिहारा थाना अध्यक्ष ने जप्त कर लिया। गाड़ी थाने पर लगा दी गई। इस कारण वह रात में इलाज करवाने नहीं जा सका। पुलिस इतनी असंवेदनशील हो चुकी है कि पिटाई से घायल चालक को जख्मी हालत में ही छोड़ दिया गया। शुक्रवार की सुबह उसने बखरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर इलाज कराया। उसे आगे के इलाज के लिए बेगूसराय रेफर किया गया है। पीड़ित का कहना है कि उसकी गाड़ी को जप्त कर लिया क्या और पैसे लेने के बाद गाड़ी छोड़ी गई। इस मामले में हमने परिहारा थानाध्यक्ष से भी पक्ष जानने की कोशिश की। लेकिन परिहार थाना के नंबर पर कॉल रिसीव नहीं किया गया।
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