Bihar News : डीडीसी की कुर्सी पर रहते हुए साहब ने एक महिला का यौन शोषण किया। नौकरी के लिए उसे बुलाकर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। अब पूर्व डीडीसी को पुलिस तलाश रही है। पुलिस ने घर पर इश्तेहार चिपका दिया है।
Patna News : नौकरी के नाम पर यौन शोषण, अरविंद चौधरी के पटना आवास पर इश्तेहार चिपकाया
यह कहानी 2008 से शुरू हुई थी। झारखंड के नामकुम की रहने वाली एक विधवा महिला की मुलाकात पाकुड़ में तैनात डीएससी अरविंद कुमार चौधरी से हुई थी। अरविंद कुमार चौधरी ने नौकरी देने का वादा कर महिला को मिलने के लिए बुलाया। फिर उसके साथ एक कमरे में जबरन शारीरिक संबंध बनाए। जब महिला ने इसका विरोध किया तो अरविंद चौधरी ने खुद को कुंवारा बताते हुए उससे शादी का वादा किया। इसी बीच अरविंद चौधरी का तबादला झारखंड के लोहरदगा में हुआ। उसने महिला को फिर वहां बुलाया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाते रहे। वर्ष 2012 में अरविंद कुमार चौधरी डीडीसी के पद से सेवानिवृत हो गए। शादी का झांसा देकर 16 साल तक यौन संबंध बनाने के मामले में अरविंद कुमार चौधरी के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। रांची की सिविल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को दिसंबर 2024 में खारिज किया था। अब पटना स्थित उनके आवास पर पुलिस ने इश्तेहार चिपकाया है।
Arvind Choudhary : आत्मसमर्पण नहीं किया तो होगी कुर्की
झारखंड के कई जिलों में डीडीसी रह चुके अरविंद चौधरी के पटना स्थित घर पर झारखंड पुलिस पहुंची थी। बेऊर थाना क्षेत्र के शिवनगर स्थित आवास पर रांची एससी एसटी थाना पुलिस ने आत्मसमर्पण करने के लिए इश्तेहार चिपकाया है। रांची कोर्ट के ACJM 2 मनीष आनंद के विशेष कोर्ट द्वारा आदेश मिलने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। SI पीसी हंसदा के नेतृत्व में बेऊर स्थित आवास पहुंची झारखंड पुलिस ने परिजनों को इश्तेहार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक महीने के अंदर आत्मसमर्पण नहीं करने पर उनके घर की कुर्की कर ली जाएगी।
Jharkhand News : कोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका
यौन शोषण के आरोपी अरविंद चौधरी ने रांची सिविल कोर्ट से जमानत की अपील की थी। दिसंबर 2024 में रांची सिविल कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। अपर न्यायायुक्त मनीष रंजन की कोर्ट ने अरविंद चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज किया था। अदालत ने उनके बेटे मनीष आनंद की भी अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी। महिला की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शिशिर राज ने कोर्ट में पक्ष रखा था।