Bihar Teacher से जुड़ी एक अहम खबर अभी सामने आयी है। हर तरफ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और एक दिन पहले ही एक शिक्षक की डूबने से मौत हो गई है। ऐसे में यह खबर शिक्षकों के लिए बड़ी राहत ही है।
Bihar News : शिक्षक की डूबकर मौत के बाद जागी नीतीश सरकार
बिहार में लापरवाही के कारण सड़क हादसों में शिक्षकों की मौत पर सरकार भले आज तक चिंता नहीं जता सकी है, लेकिन बाढ़ के पानी में डूबकर शिक्षक की मौत (Bihar Teacher Died in Flood) के बाद राज्य की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार को जागना पड़ा है। सरकार ने जिलाधिकारियों को बाढ़ और बारिश के कारण जलभराव की स्थिति में स्कूलों के लिए क्षेत्रवार अवकाश घोषित करने का विवेकाधिकार दिया है। इसके साथ ही इस आशय का भी एक आदेश जारी हुआ है कि अगर स्कूल बंद (School Close) करने की जरूरत न नजर आ रही हो तो चार तरह की व्यवस्था कर दें और एक छूट का भी प्रावधान कर दें।
Bihar Government : राहत के लिए क्या और किसका आदेश आया
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में शिक्षकों के आवागमन की परेशानी को देखते हुए शिक्षा विभाग के सचिन बैद्यनाथ यादव की ओर से सभी जिला पदाधिकारी को चार तरह की व्यवस्था और एक छूट के प्रावधान का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में अवस्थित सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों के विद्यालय आवागमन को लेकर स्पष्ट किया गया है कि अगर शिक्षक, स्कूलकर्मी या बच्चे नदी पार कर विद्यालय आते हैं तो उन नदियों के घाटों पर सरकारी नाव की व्यवस्था की जाए। एक अन्य निर्देश के तहत यह भी स्पष्ट लिखा गया है कि इन नावों पर लाइफ जैकेट की व्यवस्था पर्याप्त संख्या में हो और इसका उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। इन घाटों पर गोताखोर की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।
तीसरे निर्देश में नावों के लिए समय का निर्धारण करने कहा गया है ताकि बच्चे, शिक्षक और स्कूलकर्मी समय पर विद्यालय आ सकें और फिर वापस घर जा सकें। चौथे निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि अगर आपदा प्रबंधन के जरिए इसमें होने वाले खर्च की राशि उपलब्ध नहीं हो तो जिला शिक्षा पदाधिकारी के जरिए इसकी व्यवस्था कराई जाएगी। यह व्यवस्था मुख्य रूप से अगस्त और सितंबर माह में लागू रहेगी। शिक्षा विभाग के सचिव ने इस पत्र में एक छूट का भी प्रावधान किया है, जिसके तहत निर्धारित समय से एक घंटे तक शिक्षक या स्कूलकर्मी के आने पर विलंब से ड्यूटी दर्ज नहीं की जाएगी। मतलब, एक घंटे तक देर हुई तो ड्यूटी पर ससमय माना जाएगा, बशर्ते बाढ़ वाला क्षेत्र हो।
KK Pathak जिसपर अड़े थे, उसके खिलाफ भी एक आदेश
भीषण बाढ़ से प्रभावित होने की स्थिति में जान माल की सुरक्षा के मद्देनजर विद्यालय बंद करने के संबंध में आपदा प्रबंधन के सुसंगत प्रावधानों के तहत जिलाधिकारियों को स्वयं आदेश निर्गत करने का अधिकार दिया गया है। मतलब, शिक्षा विभाग की ओर से पत्र जारी कर सचिव ने जिला पदाधिकारी को यह अधिकार देने की बात कही है। कुछ समय पहले तक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहे विवादित आईएएस अधिकारी केके पाठक ने ऐसी ही स्थिति में पटना डीएम के आदेश को लेकर हंगामा खड़ा किया था, जब कड़ाके की ठंड में जिलाधिकारी ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए छुट्टी घोषित कर दी थी।