Bihar News में Californium बरामद हुआ है। वजन महज 50 ग्राम है। मगर इसकी कीमत 850 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
Bihar के Gopalganj में Californium बरामद
बिहार के गोपालगंज में स्पेशल टीम के हाथ कुछ ऐसा लगा जिसे देख लोकल पुलिस कंफ्यूज हो गई। लेकिन एसटीएफ और डीआईओ के अधिकारियों को यह समझते देर नहीं लगी कि इसकी कीमत इंटरनेशनल मार्केट में कई सौ करोड़ है। वैसे तो यह मुट्ठी भर सामने जितना है। लेकिन जब कीमत तक का आकलन किया गया तो अधिकारियों के होंश उड़ गए। बिहार में Californium की बरामदगी हुई है। बरामद कैलिफोर्नियम सिर्फ 50 ग्राम है। 50 ग्राम वजन वाले कैलिफोर्नियम की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत करीब 850 करोड रुपए बताई गई है। इसकी बरामदगी से कई सवाल भी उठ रहे हैं। सवाल यह की तस्कर आखिर इसका करने क्या वाले थे?
1 ग्राम की कीमत 17 करोड़ रुपए
गोपालगंज के कुचायकोट थाना इलाके में लोकल पुलिस, स्पेशल टास्क फोर्स, SFO 7 और DIO की टीम ने एक जॉइंट ऑपरेशन किया है। टीम ने इस ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन तस्करों के पास से 50 ग्राम कैलिफोर्नियम की बरामदगी हुई है। इस 50 ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत 850 करोड रुपए बताई जा रही है। इस ज्वाइंट ऑपरेशन को अंजाम देने वाले टीम के अधिकारियों का कहना है कि 1 ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत करीब 17 करोड रुपए है। इस लिहाज से बरामद 50 ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत 850 करोड़ रुपए होती है।
क्या होता है कैलिफोर्नियम? क्या है इसका उपयोग?
कैलिफोर्नियम प्रकृति में नहीं मिलता। 1950 में अमेरिका की एक लैब में इसे सिंथेसाइज किया गया था। यह उन ट्रांसयूरेनियम एमिलमेंट्स में से एक है जिन्हें इतनी मात्रा में बनाया गया है कि उन्हें खुली आंखों से देखा जा सके। यह चांदी के रंग जैसी धातु होती है जो करीब 900 डिग्री सेल्सियस पर पिघलती है। अपने प्योर रूप में यह धातु इतनी मुलायम होती है कि उसे आसानी से ब्लेड से काटा जा सकता है। रूम टेम्प्रेचर पर यह कठोर अवस्था में रहती है। कैलिफोर्नियम के सारे आइसोटेाप्स भी रेडियोऐक्टिव होते हैं। सबसे स्थिर आइसोटोप Cf-251 की अर्द्ध-आयु करीब 800 साल होती है। कैलिफोर्नियम का इस्तेमाल पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर्स में किया जाता है। इसके अलावा सोने और चांदी की खदानों की पहचान में भी कैलिफोर्नियम इस्तेमाल होता है। न्यूक्लियर रिएक्टर को स्टार्ट करने में भी कैलिफोर्नियम मदद करता है।