Bihar News : 13 मॉडर्न पेंटाथलॉन बायथेल / ट्रायथल नेशनल चैंपियनशिप 2024 के लिए बिहार के 40 सदस्यीय टीम आज पटना से उत्तराखंड के लिए रवाना हो रही है।
Uttarakhand : काशीपुर में होगा पेंटाथलॉन नेशनल चैंपियनशिप 2024
बुधवार 14 अगस्त से रविवार 18 अगस्त तक उत्तराखंड के काशीपुर में होने वाले 13 मॉडर्न पेंटाथलॉन बायथेल / ट्रायथल नेशनल चैंपियनशिप 2024 के लिए बिहार के 40 सदस्यीय टीम मंगलवार को पटना से उत्तराखंड के लिए रवाना हो रही है। टीम रवाना करने के पहले भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा, भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश राजू एवं बिहार मॉडर्न पेंटाथलॉन एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक रंजीत कुमार मिश्रा ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं।
मॉडर्न पेंटाथलॉन बिहार के अध्यक्ष अनुराग कुमार, सिद्धांत कुमार, कोषाध्यक्ष, डॉ. सोनू शंकर, बिहार मॉडर्न पेंटाथलॉन एसोसिएशन के सचिव कनक कुमार, बांकीपुर क्लब के खेल प्रभारी डॉ. संजय कुमार संथालिया भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के मुकेश पासवान, विकास सिंह आदि ने चयनित टीम के खिलाड़ियों को उत्तराखंड के नेशनल चैंपियनशिप में झंडा गाड़ने के लिए उत्साहित किया।
चयनित खिलाड़ियों के नाम
चन्दन कुमार मेहता (औरंगाबाद), चंदन साहनी, चांदनी (बक्सर), जातिन, गौतम, राजीव, प्रिंस कुन्दन (बेगूसराय।), सोनू , रोमन, प्रतिभा भारती, अंकुश राज (शेखपुरा), मन्तोषी कुमारी (खगड़िया), प्रिंस कुमार (लखीसराय), कनंक तिवारी, जाह्नवी ओझा, तन्नू , प्रियंका, अंकित कुमार, स्वरित कृष्णा ,कुणाल (पटना), विकास वैभव, आदित्य, उदल (मुजफ्फरपुर), आदित्य आनंद, हिमांशी, ज्योति गुप्ता, निशा, शुभम, शिवांश (आरा), विनोद पोद्दार (समस्तीपुर)। टीम मैनेजर :- दीपा (बक्सर)
क्या है यह खेल, जानें और समझें महत्व
मॉडर्न पेंटाथलॉन एक ओलंपिक मल्टीस्पोर्ट है। इसमें वर्तमान में तलवारबाजी, फ्रीस्टाइल तैराकी, घुड़सवारी शो जंपिंग, लेजर पिस्टल शूटिंग और क्रॉस कंट्री रनिंग शामिल हैं। 2028 ओलंपिक के प्रारंभिक कार्यक्रम में मॉडर्न पेंटाथलॉन को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन मुंबई में आयोजित 141वें आईओसी सत्र में इस खेल को नए प्रारूप के साथ शामिल करने के लिए सहमति बनी। 2028 ओलंपिक में इसके तहत घुड़सवारी की जगह बाधा दौड़ को शामिल किया गया है। मॉडर्न पेंटालथॉन की शासी संस्था यूनियन इंटरनेशनेल डी पेंटाथलॉन मॉडर्न (यूआईपीएम) है, जो 130 से अधिक देशों में सदस्य संघों के साथ अंतरराष्ट्रीय खेल का आयोजन-नियंत्रण करती है। यह पहली बार 1912 में आयोजित किया गया था, जो प्राचीन ओलंपिक के दौरान आयोजित पारंपरिक पेंटाथलॉन से प्रेरित था। तब यह एक सैनिक के लिए जरूरी कौशल को मॉडल करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह 1912 से ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का एक निरंतर हिस्सा रहा है और 1949 से हर साल इसका विश्व चैंपियनशिप होता है। स्रोत- विकिपीडिया