Bihar News : बिहार के पुलिस थानों में दलालों की एंट्री हुई तो थानेदार नप जाएंगे। जरूरत पड़ी तो थानेदार के खिलाफ भी अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई होगी।
Bihar Police : पुलिस थानों में दलाली करने वाले अब फंसेंगे, डीजीपी का आदेश
बिहार के थानों में दलालों की एंट्री की शिकायत पुलिस मुख्यालय तक पहुंच रही है। मुख्यालय के पास यह इनपुट है कि ऐसे कई व्यक्ति हैं जो संबंधित थाने में बार-बार आते और जाते हैं। उनके आने-जाने के पीछे का उद्देश्य साफ नहीं है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, ऐसे व्यक्तियों को कथित रूप से थाने का दलाल कहा जाता है। दलालों के थाने पर आने-जाने से आम लोगों में पुलिस की छवि धूमिल होती है। लिहाजा बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने एक सख्त आदेश जारी कर दिया है। अब थाने पर आने-जाने वाले हर व्यक्ति की एंट्री रजिस्टर में की जाएगी। आगंतुक पंजी में उनका नाम और पता दर्ज किया जाएगा। एसपी, डीएसपी अथवा सर्किल ऑफिसर द्वारा थाना भ्रमण के दौरान रजिस्टर की जांच की जाएगी। इसके जरिए उन लोगों की पहचान की जाएगी जिनका थाने पर लगातार आना-जाना है।
DGP Vinay Kumar : रजिस्टर और सीसीटीवी से मिलान, नोडल पदाधिकारी बनाए जाएंगे
डीजीपी विनय कुमार की ओर से जारी आदेश में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं गईं हैं। आदेश में कहा गया है कि थाना परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। सीनियर अधिकारी थानों के भ्रमण अथवा निरीक्षण के दौरान सीसीटीवी फुटेज देखकर और आगंतुक रजिस्टर से मिलान कर यह सुनिश्चित करेंगे कि थाने पर आने-जाने वाले किसी भी व्यक्ति की पहचान छुपाई नहीं गई हो। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज और रजिस्टर के आधार पर यह तय किया जाएगा कि कोई ऐसा व्यक्ति तो नहीं है जो थाने पर आ तो रहा है, लेकिन उसकी एंट्री रजिस्टर में नहीं हो रही है। इसके साथ ही, थाने के एक पुलिसकर्मी को इसके लिए नोडल पदाधिकारी नामित किया जाएगा। यह नोडल पदाधिकारी है ही आगंतुक रजिस्टर समेत थाने पर आने-जाने वालों के संबंध में जानकारी एकत्रित करेंगे और यह उनकी जिम्मेदारी भी होगी।
Bihar Police Headquarters : थानेदार के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
इस आदेश में कहा गया है कि नोडल पदाधिकारी द्वारा थाना अध्यक्ष को आगंतुकों के संबंध में साप्ताहिक प्रतिवेदन देना होगा। रजिस्टर में बार-बार एंट्री करने वाले व्यक्तियों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर वरीय अधिकारी उक्त व्यक्ति के संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाएंगे और जांच कर कानूनी कार्रवाई करेंगे। जरूरत पड़ी तो थानेदार के खिलाफ भी अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई होगी।