Bihar News : चुनावी साल में जनता के कामकाज को लेकर बिहार सरकार के अधिकारी कुछ भी ढिलाई या गड़बड़ी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि बुधवार को दो अभियंताओं, एक अंचलाधिकारी और एक राजस्व अधिकारी का निलंबन आदेश आ गया।
Officer Suspended : बिहार सरकार ने चार अफसरों के निलंबन का आदेश जारी किया
बिहार की नीतीश कुमार सरकार अब लगातार भ्रष्टाचार और लापरवाही में संलिप्त अधिकारियों की नकेल कसने में लगी है। इसी सिलसिले में लगातार निगरानी की कार्रवाई भी सामने आ रही है। अब भूमि एवं राजस्व विभाग ने मंत्री की समीक्षा बैठक में गलत कागजात पेश करने वाले एक अंचल अधिकारी और एक राजस्व अधिकारी को निलंबित कर दिया है। उधर, ग्रामीण कार्य विभाग ने भ्रष्टाचार के मामले में जांच के बाद पुष्टि के आधार पर दो अभियंताओं का निलंबन आदेश जारी कर दिया है।
Bihar Land : अंचलाधिकारी और राजस्व अधिकारी को क्यों किया गया निलंबित?
दरअसल, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी की अध्यक्षता में आठ मई को पटना में आयोजित राज्य स्तरीय अपर समाहर्त्ताओं/भूमि सुधार उप समाहर्त्ताओं/ अंचल अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा बैठक में अभियान बसेरा-2 की समीक्षा के दौरान गलत जानकारी देने के कारण पश्चिम चंपारण के बगहा- 2 अंचल के अंचल अधिकारी निखिल एवं जगदीशपुर अंचल के राजस्व अधिकारी नागेन्द्र कुमार को निलंबित किया गया। मंत्री संजय सरावगी ने इस कार्रवाई के बाद कहा कि समाज के वंचित वर्गों के प्रति उदासीनता के लिए ऐसे अधिकारियों पर कठोरतम दण्ड का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अपर मुख्य सचिव के मार्फत सभी जिलाधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि वे अयोग्य ठहराए गए लाभान्वितों की जांच वरीय पदाधिकारियों से शीघ्र कराएंऔर उन्हें शीघ्रताशीघ्र आवास भूमि आवंटित करें।
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अभियान बसेरा-2 की समीक्षा के क्रम में बगहा-2 अंचल अंतर्गत कुल सर्वेक्षित 1912 सुयोग्य श्रेणी के वासभूमि रहित परिवारों में से 1709 को अयोग्य घोषित किया गया था। अंचल अधिकारी निखिल की ओर से बताया गया कि राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन के आधार पर इन्हें अयोग्य घोषित किया गया है। नियमानुसार अंचलाधिकारी को राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन को सत्यापित करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया था। जांच में यह सामने आया कि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के आवेदकों को भी सुयोग्य श्रेणी से बाहर बताते हुए अयोग्य घोषित किया गया था। राज्य सरकार की अतिमहत्वपूर्ण एवं कल्याणकारी योजना के प्रति उदासीनता, शिथिलता एवं लापरवाही बरतते हुए गलत एवं भ्रामक सूचना से विभाग को दिगभ्रमित करने का प्रयास का दोषी पाते हुए अंचल अधिकारी निखिल को निलंबित कर दिया गया है।
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इधर, भागलपुर जिले के जगदीशपुर अंचल अंतर्गत कुल सर्वेक्षित 764 सुयोग्य श्रेणी के वासभूमि रहित परिवारों में से 689 को अयोग्य घोषित किए जाने के संबंध में राजस्व अधिकारी नागेन्द्र कुमार ने रिपोर्ट दी कि अधिकतर अयोग्य घोषित किए मामले नगर क्षेत्र से संबधित हैं, जबकि विभागीय पोर्टल के अनुसार उपरोक्त मामले ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित पाए गए। नागेंद्र कुमार भी अभियान बसेरा-2.0 में शिथिलता एवं लापरवाही बरतते हुए गलत एवं भ्रामक सूचना से विभाग को दिगभ्रमित करने के दोषी पाए गए। इसी आधार पर इन्हें भी निलंबित कर दिया गया।
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ग्रामीण कार्य विभाग ने लापरवाही और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोपों में सारण जिले के मढ़ौरा कार्य प्रमंडल के दो तदेन अभियंताओं का निलंबन आदेश जारी किया। यह कार्रवाई विभागीय जांच के बाद की गई। अभियंताओं पर मनमाने ढंग से भुगतान, बिना स्वीकृति पथ निर्माण और योजनाओं के उल्लंघन के आरोप प्रमाणित पाए गए।
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यह आरोप केशव साहनी, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, कार्य प्रमंडल मढ़ौरा (सम्प्रति मुख्य अभियंता, अनुरक्षण एवं उन्नयन ग्रामीण कार्य विभाग) और परमेश्वर मेहरा, तदेन कनीय अभियंता, कार्य प्रमंडल मढ़ौरा (सम्प्रति सहायक अभियंता, कार्य प्रमंडल सोनपुर, ग्रामीण कार्य विभाग) पर था। दोनों पर मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के अंतर्गत अनुमोदित पथ निर्माण कार्य में स्वीकृत लंबाई से अधिक कार्य दिखाकर भुगतान प्रस्तावित करने का आरोप था।
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साथ ही, दोनों पर यह भी आरोप है कि इन्होंने बिना किसी ठोस प्रमाण के पंचायत की अन्य योजना के तहत पूर्व निर्मित 0.25 किमी पथ को योजना में दर्शाकर उसके लिए भी भुगतान स्वीकृत कर दिया। इन्होंने विभागीय स्वीकृति के जरिए पथ निर्माण कार्य प्रारंभ कर भुगतान प्रस्तावित भी कर दिया।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि दोनों अभियंताओं की ओर से लापरवाही एवं गंभीर वितीय अनियमितता बरती गई। दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए निलंबित किया गया है। इसमें लिप्त अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है।
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