Bihar Chief Secretary की कुर्सी पर IAS Amrit Lal Meena बैठ चुके हैं। लेकिन इस कुर्सी पर मचे घमासान का साइड इफैक्ट सामने आ गया है।
Bihar Chief Secretary नहीं बनने से Pratyaya Amrit नाराज
बिहार में मुख्य सचिव की कुर्सी के लिए होड़ मची थी। ‘रिपब्लिकन न्यूज़’ ने ब्यूरोक्रेटिक लॉबी के हवाले से बड़ी जानकारी साझा की थी। जानकारी यह कि आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत मुख्य मुख्य सचिव बनना चाहते थे। मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारी ने उनकी पैरवी भी की थी। लेकिन आईएएस लॉबी में ही उनका विरोध हुआ। वरीयता के आधार पर अमृत लाल मीणा को कुर्सी सौंप दी गई। अब इस फैसले का साइड इफेक्ट सामने आया है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। छुट्टी करीब एक महीने की है। हालांकि, उन्होंने छुट्टी के लिए निजी कारणों का हवाला दिया है। लेकिन उनके छुट्टी के आवेदन से लॉबी में कई तरह की चर्चाएं हैं
बिहार के मुख्य सचिव पर IAS लॉबी में ठन गई, किसका कटा पत्ता
लीव एप्लीकेशन से लॉबी में कई तरह की चर्चा
सीनियर आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत की नाराजगी की खबरें तभी सामने आ गई थी, जब अमृत लाल मीणा के नाम पर मुहर लगी थी। सूत्रों के अनुसार, प्रत्यय अमृत 30 अगस्त से 30 सितंबर तक छुट्टी पर चले गए हैं। छुट्टी का यह आवेदन उन्होंने 29 अगस्त को ही दिया था। बड़ी बात यह है कि लीव एप्लीकेशन के लिए उन्होंने यह आवेदन तत्कालीन मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को सौंपा था। ब्यूरोक्रेटिक लॉबी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, प्रत्यय अमृत ने छुट्टी के लिए जो आवेदन दिया है वह हाथ से लिखा गया है। अमूमन छुट्टी के लिए प्रिंट किया हुआ आवेदन पत्र जमा किया जाता है। लेकिन इस बार आवेदन हाथ से लिखकर जमा किया गया। ऐसे में ब्यूरोक्रेटिक लॉबी में इस बात की चर्चा है कि मुख्य सचिव नहीं बनाए जाने से प्रत्यय अमृत नाराज हैं। इसलिए उन्होंने आनन-फानन में छुट्टी ले ली।
Chaitanya Prasad व Pratyaya Amrit के लिए लॉबी में मचा था घमासान
आईएएस लॉबी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कुछ दिनों पहले तक मुख्य सचिव की कुर्सी के लिए चैतन्य प्रसाद का नाम तय था। 1990 बैच के आईएएस चैतन्य प्रसाद फिलहाल विकास आयुक्त हैं। वह अगले वर्ष जुलाई में रिटायर करेंगे। ऐसे में इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि जुलाई 2025 में चैतन्य प्रसाद की रिटायरमेंट के बाद प्रत्यय अमृत को मुख्य सचिव बनाया जाएगा। क्योंकि अगले वर्ष विधानसभा का चुनाव भी है। इसलिए सरकार मुख्य सचिव के नाम पर गहन मंथन कर रही थी। लेकिन तभी ब्यूरोक्रेटिक लॉबी में घमासान की खबरें सामने आई। खबर आई कि चैतन्य प्रसाद का नाम मुख्य सचिव की रेस से बाहर हो गया। ऐसा इसलिए क्योंकि चैतन्य प्रसाद की जगह स्वास्थ्य, पथ निर्माण एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव प्रत्यय अमृत को मुख्य सचिव बनाए जाने की चर्चा होने लगी। लॉबी में एक पक्ष चैतन्य प्रसाद तो दूसरा पक्ष प्रत्यय अमृत के नाम पर सहमत था। लिहाजा लॉबी में दोनों नामों पर घमसान शुरू हो गया। लॉबी से जुड़े सूत्रों ने ‘रिपब्लिकन न्यूज’ को बताया था कि सीएम के सबसे करीबी कहे जाने वाले अधिकारी प्रत्यय अमृत के पक्ष में थे। जबकि इस समय बच्चों का भविष्य संवारने वाले आईएएस अधिकारी ने इसका विरोध कर दिया था। यहीं से अमृत लाल मीणा रेस में सबसे आगे हो गए थे।
Amrit Lal Meena के Chief Secretary बनने की कहानी
लॉबी में मचे घमासान का नतीजा यह हुआ कि चैतन्य प्रसाद और प्रत्यय अमृत दोनों ही नाम सूची से कट गए। आईएएस लॉबी में घमासान का नतीजा यह रहा कि वरीयता के हिसाब से मुख्य सचिव की कुर्सी अमृत लाल मीणा को सौंपने पर सहमति बन गई। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे कोयला मंत्रालय के सचिव अमृतलाल मीणा वरीयता के लिहाज से सबसे टॉप पर थे। वह 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अमृतलाल मीणा अगस्त 2025 में रिटायर करेंगे। ऐसे में अगस्त 2025 में फिर से सरकार को बिहार के मुख्य सचिव की नियुक्ति करनी होगी। इसी वरीयता के फार्मूले से बिहार के नए डीजीपी की जिम्मेदारी आईपीएस आलोक राज को दी गई है।