Bihar News : NH 31 का ज्यादातर हिस्से के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया टोल ले रही है। यह सड़क हादसा इसी हाइवे पर हुआ है। है तो यह हादसा, लेकिन बिहार सरकार से प्रतिबंधित जुगाड़ गाड़ी की मनमानी का नमूना भी है। इसमें कार सवार की गर्दन कट गई।
Accident News : जुगाड़ गाड़ी पर लदा चदरा पीछे चल रही कार में घुसा, जान ली
55 साल के श्रवण पासवान खगड़िया से बेगूसराय आ रहे थे। कार में ड्राइविंग सीट के बगल वाली जगह पर बैठे थे। पूरा परिवार साथ था। किसी को अंदाजा नहीं था कि बातचीत का सिलसिला चलते-चलते अचानक कुछ ऐसा होगा कि कार के अंदर मौत (Accident News) आ जाएगी। नेशनल हाईवे 31 पर बेगूसराय में सड़क चौड़ी है और गाड़ियों की गति ठीकठाक रहती है। श्रवण पासवान की कार भी गति में थी, लेकिन उसके आगे अचानक रुक गई प्रतिबंधित जुगाड़ गाड़ी। इस गाड़ी पर लदा था लोहे का ब्लू चदरा।
शीशे पर चमक के कारण कार चालक को यह दिखा नहीं और सामने जुगाड़ को रुकता देख जबतक ब्रेक लगाई, चदरे ने शीशे को भेदते हुए श्रवणी पासवान का गला काट दिया। पूरी कार खून के छींटे से भर गई। ड्राइविंग सीट पर बैठे शख्स को तो कुछ सेकंड के लिए लगा कि उसकी भी मौत हो चुकी है, लेकिन जब होश आया तो देखा कि बगल में बैठे श्रवण अब दुनिया में नहीं रहे। पीछे बैठी महिलाओं ने जब आगे देखा तो चीत्कार मच गई। बेगूसराय में सनहा ढाला के पास एनएच 31 पर यह वीभत्स हादसा हुआ।
Bihar News : बिहार में जुगाड़ गाड़ी प्रतिबंधित, मगर पटना में भी दौड़ती हैं
इस गाड़ी पर पूरे बिहार में प्रतिबंध है, लेकिन जिला परिवहन पदाधिकारियों, मोटर व्हीकल इंस्पेक्टरों और पुलिस के कारण मौत देने वाली यह गाड़ी पटना में भी दौड़ रही है। इन गाड़ियों के साथ ही ट्रैक्टर पर भी खुले में इसी तरह जानलेवा सामान लेकर आवाजाही हो रही है और 10-20 रुपए पॉकेट में रखकर इन्हें ऐसा करने की छूट देने वाले हर किलोमीटर पर ‘ड्यूटी’ निभा रहे हैं।
Accident Today : हत्या का था इंतजाम, परिवहन मंत्री को क्यों न जिम्मेदार मानें?
खगड़िया जिले के मदारपुर निवासी श्रवण पासवान की इस मौत को रिपब्लिकन न्यूज़ (RepublicanNews.in) हत्या मानता है। सवाल है कि परिवहन मंत्री शीला मंडल क्या कर रही हैं? क्या मुख्यमंत्री की तरह वह भी ज्यादातर यात्राएं हवाई मार्ग से कर रही हैं कि उन्हें सड़क पर जुगाड़ गाड़ियां नहीं दिख रहीं? परिवहन विभाग के अधिकारी और सड़क पर ड्यूटी करने वाले सिपाहियों के साथ जुगाड़ गाड़ी की अनदेखी करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों को इस हत्या का जिम्मेदार नहीं माना जाए?
Bihar Police : परिवहन विभाग के साथ NHAI और बिहार पुलिस क्यों करती है अनदेखी?
जुगाड़ गाड़ी का चलना प्रदूषण के लिहाज से भी गुनाह है और इसपर सरिया या चदरा लेकर जाना तो सीधे हत्या का प्रयास है। बिहार में ट्रैक्टर भी इसी तरह की मनमानी कर रहे हैं। उन्हें ऐसे खतरनाक सामान ले जाते समय जिन सावधानियों का अनुपालन करना है, वह नहीं कर रहे। जाहिर-सी बात है कि परिवहन और पुलिस के अधिकारी क्या देखकर चुप रहते हैं, यह पूछने-बताने वाली बात नहीं है।
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया एनएच 31 के बड़े हिस्से पर चलने के लिए कार से टोल टैक्स भी लेती है। उसे भी यह नहीं दिखता। हाइवे के टोल प्लाजा पर जुगाड़ गाड़ी के गुजरने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन ऐसी गाड़ियां किनारे से निकल जा रही हैं। लोकल कार वालों को अब भी निकलने से रोका जाता है और टैक्स वसूला जाता है, लेकिन मौत का सामान लादकर प्रदूषण फैला रही यह गाड़ियां टोल रोडपर भी फ्री में निकल रही हैं।
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