Murder Case : हमारे आसपास कितना खतरा है, यह खबर उसी का एक उदाहरण है। एक शख्स से अपनी जमीन बेची, पड़ोसी युवक को यह जानकारी मिल गई। उस शख्स के बेटे का उसी पड़ोसी से झगड़ा हो गया। और, बना बनाया मोटिव हो गया पक्का। लेकिन, मारा गया बच्चा।
Agra UP News : आगरा के आठ साल के बच्चे की हत्या, राजस्थान में जाकर गाड़ा शव
दुनियादारी बहुत अजीब हो गई है। इस केस में मुख्य रूप से तीन किरदार हैं। एक- आठ साल का अभय प्रताप, जिसका शव 80 दिन बाद बरामद किया गया। दूसरा- कृष्णा, जो इसी अभय के घर के पास रहता था और उसके परिवार से दोस्ती-दुश्मनी तक का खेल पूरा कर चुका था। और, तीसरा- राहुल, जो दुनिया को दिखाने के लिए वेल्डिंग का काम कर रहा था, लेकिन असल में कृष्णा की तरह ही शातिर। कृष्णा और राहुल ने जो कांड किया, वह हमारे लिए चेतावनी है। इसलिए, उत्तर प्रदेश की ताज नगरी आगरा की यह खबर ध्यान से पढ़ें।
Murder Case : दो महीने की प्लानिंग, मगर अपहरण के बाद ले ली जान
30 अप्रैल को अभय का अपहरण हुआ और कुछ ही देर बाद उसकी हत्या। लेकिन, कहानी कुछ दिनों पहले शुरू हुई थी। इस घटना से कुछ समय पहले अभय के चाचा राजेश और पिता विजय प्रकाश से किसी बात को लेकर पड़ोसी कृष्णा का झगड़ा हो गया। विजय नगर कॉलोनी में जनसेवा केंद्र चलाने वाला कृष्णा उर्फ भजन लाल फतेहाबाद का रहने वाला है। वह नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेता था। इसी चक्कर में कृष्णा पर कॉलोनी के कई लोगों का बकाया था। विजय प्रकाश से उसका झंझट हुआ तो उसने ‘एक पंथ, दो काज’ का शातिराना प्लान तैयार किया।
दो महीने तक इस प्लान को तैयार किया। इस योजना के तहत घटना से 15 दिन पहले से कृष्णा ने अभय से नजदीकियां बढ़ाने लगा। चॉकलेट देकर उसे वश में करने लगा। 30 अप्रैल को कॉलोनी में एक शादी की चहलपहल थी। वह स्कूटी पर पास में ही वेल्डिंग दुकान चलाने वाले राहुल को लेकर आया। विजय प्रकाश के घर के पास रुका। इधर-उधर नजर दौड़ाई और फिर अभय से कहा कि चलो, पापा वहां शादी में हैं। जब स्कूटी दूसरे रास्ते जाने लगी तो अभय ने मम्मी-पापा को पुकारते हुए रोना शुरू कर दिया।
इन दोनों को पकड़े जाने का डर लगा और वहीं गला दबाकर बच्चे को मार डाला। फिर, शव को प्लास्टिक के बोरे में बंदकर स्कूटी पर ही रख लिया और राजस्थान की ओर बढ़ गया। टोल भी पार कर गया, लेकिन दोपहिया होने के कारण किसी ने रोका नहीं। राजस्थान के मनियां पहुंचकर इन दोनों ने सुनसान जगह पर गड्ढा खोदा और अभय का शव वहीं दबा दिया। इधर परिजन शादी की भीड़ में बच्चे को ढूंढ़ते रहे और उधर यह दोनों हत्या करने के बाद घर लौट आए और परिजनों के साथ खोजबीन का नाटक करने लगे।
Abhay Murder Case : परिजनों और पुलिस की हर गतिविधि का अपडेट लेता रहा
दोनों की योजना फिरौती के लिए अपहरण की थी, लेकिन बच्चे के रोने के कारण उसकी हत्या कर डाली थी। हत्या के बाद भी इन दोनों को चैन नहीं था। कृष्णा को पता था कि अभय के दादा ने कुछ समय पहले करीब 35 लाख की जमीन बेची थी, इसलिए वह इस रकम से अपनी जिंदगी बनाने की चाहत छोड़ नहीं पा रहा था।
अभय के गायब होने के मामले में पुलिस क्या कर रही है, यह सब उसे तत्काल पता होता था क्योंकि बच्चे की तलाश के दौरान अधिकतर पुलिस अधिकारी कृष्णा के जनसेवा केंद्र के सामने ही आकर बैठते थे। कृष्णा पुलिसकर्मियों से सामान्य बातचीत कर हर डिटेल लेता रहता था और उसी हिसाब से फिरौती की अपनी प्लानिंग को अंजाम देने में जुटा था। अपहरण-हत्या में उसका साथ रहा राहुल भी रोज की तरह अपना काम करते हुए अभय की सुरक्षित वापसी पर यदा-कदा बातें करता था।
Kidnapping For Ransom : 80 लाख रुपए फिरौती मांगने में क्या लिखा कि पकड़ा गया
परिजनों और पुलिसकर्मियों की हर गतिविधि से वाकिफ होने के कारण कृष्णा और राहुल को पता चल रहा था कि अबतक उत्तर प्रदेश पुलिस अपहरण के एंगल तक तो पहुंच रही है, लेकिन हत्या की आशंका से दूर-दूर तक जुड़ाव नहीं हुआ है। इसलिए दोनों फिरौती की रकम के लिए चार बार चिट्ठी भेज चुके थे। 80 लाख रुपए की मांग वाली चिट्ठियां जून अंत में आनी शुरू हुई।
जब कुछ प्रारंभिक संकेतों से लग गया कि उसकी बातें सुनी जा सकती हैं तो थोड़ा भावुक करने वाली चिट्ठी भी लिख डाली कृष्णा ने। चिट्ठियों में कुछ बेहद स्थानीय शब्द भी थे, जो उस बच्चे के लिए घरवाले बोलते थे- जैसे, बिटवा। इसके बाद पुलिस ने आसपास के लोगों को रडार पर रखा। कुछ परिजनों को भी। पुलिस भी चौंक गई, जब चिट्ठियों की हैंडराइटिंग कृष्णा की दुकानों पर लिखे कागजातों से मेल खाती नजर आई। इसके बाद कृष्णा के मोबाइल का लोकेशन निकाला गया तो सामने आ गया सारा खेल।
पुलिस ने कड़ी पूछताछ शुरू की तो पहले कृष्णा ने अपराध कबूला और फिर राहुल का नाम सामने आया तो उसने भी। जैसे ही यह बातें खुलीं, अभय के घर में कोहराम मच गया। बेटे की वापसी की उम्मीद लगाए परिजनों को पता चला कि 80 दिन पहले ही उसे मारकर राजस्थान में गाड़ दिया गया है, तो सभी बेआस हो गए। पुलिस ने कंकाल जैसे शव को राजस्थान से बरामद कर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया कराते हुए परिजनों को सौंप दिया है।